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दीपक दया धरम को जारौ / ईसुरी

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दीपक दया धरम को जारौ,
सदा रात उजयारौ।
धरम करे बिन करम खुलैना,
ज्यौं कुन्जी बिन तारौं,
समझा चुके करै न रइयो।
दिया तरै अंदयारौ।
कात ईसुरी सुनलो भईया
लगजै यार न वारौ।