भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गँग
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:14, 22 सितम्बर 2012 का अवतरण ("गँग" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (बेमियादी) [move=sysop] (बेमियादी)))
गँग
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 1538 |
---|---|
निधन | 1625 |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
रीतिकाल के कवि | |
जीवन परिचय | |
गँग / परिचय |
- फूट गये हीरा की बिकानी कनी हाट हाट / गँग
- उझकि झरोखे झाँकि परम नरम प्यारी / गँग
- मृगनैनी की पीठ पै बेनी लसै / गँग
- करि कै जु सिंगार अटारी चढी / गँग
- लहसुन गाँठ कपूर के नीर में / गँग
- रती बिन साधु, रती बिन संत / गँग
- अब तौ गुनियाँ दुनियाँ को भजै / गँग
- चकित भँवरि रहि गयो / गँग
- बैठी थी सखिन संग / गँग
- झुकत कृपान मयदान ज्यों / गँग
- देखत कै वृच्छन में / गँग
</sort>