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बस इतना दिल चाहे मेरा / सपना मांगलिक

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बस इतना दिल चाहे मेरा
आसमान के सारे नज़ारे, धरती पर ले आऊँ मैं
जहाँ भी गिरें आँखों से मोती, झोली में भर लाऊँ मैं
बस इतना दिल चाहे मेरा
दूर करूँ दुःख: सबके दिलों से, खुशियाँ अपनी दे आऊँ मैं
कूढा बीनते नन्हे हाथों को, पोथी बस्ता पकडाऊँ मैं
रहे ना खाली पेट कोई भी, सबकी भूख मिटाऊँ मैं
बस इतना दिल चाहे मेरा
बीज प्रेम का ह्रदय-धरा पर, सबकी खूब उगाऊँ मैं
सहमा सिमटा भोला सा जीवन, उसे निर्भय आज बनाऊँ मैं
उसे उसका हक़ दिलाऊँ मैं
बस इतना दिल चाहे मेरा