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कविता की ज़रूरत / कुंवर नारायण

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कवि: कुंवर नारायण

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बहुत कुछ दे सकती है कविता

क्यों कि बहुत कुछ हो सकती है कविता

ज़िन्दगी में


अगर हम जगह दें उसे

जैसे फलों को जगह देते हैं पेड़

जैसे तारों को जगह देती है रात


हम बचाये रख सकते हैं उसके लिए

अपने अन्दर कहीं

ऐसा एक कोना

जहाँ ज़मीन और आसमान

जहाँ आदमी और भगवान के बीच दूरी

कम से कम हो ।


वैसे कोई चाहे तो जी सकता है

एक नितान्त कवितारहित ज़िन्दगी

कर सकता है

कवितारहित प्रेम