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खबर सुनाओ / कुमार रवींद्र

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खबर सुनाओ
ज़रा गाँव की
कौन कहाँ रहता है
 
क्या पड़ोस के घर में अब भी
बसता है किसना ही
टीले वाला मंदिर क्या
अब भी सच्चा वैसा ही
 
बारह मास
नदी में
पानी क्या अब भी बहता है
 
सूरदास क्या इकतारे पर
भजन वही गाता है
बिरजू औ' जुम्मन का अब भी
क्या वह ही नाता है
 
बरगद के नीचे
क्या साधू
कथा वही कहता है
 
पिछवाड़े की बगिया में
क्या होते अब भी जामुन
उन पर आते होंगे भौंरे
करने दिन-भर गुनगुन
 
यादें ये सब
सड़कों-सड़कों
अपना मन सहता है