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कहता हूँ अलविदा / असंगघोष

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हाँ मेरे
हर सवाल का
जवाब होता है
तुम्हारे पास
और कुछ के जवाब
तुम हर बार की तरह
टाल जाते हो
वहीं कुछ का जवाब
समय पर छोड़ देने की
तुम्हारी
आदत है पुरानी
तुम्हारे
इस समय की
कोई सीमा भी नहीं
कहते हो
”भला इस समय को
सीमा में बाँध
शूद्र
कभी
दे सकता है चुनौती?“
लेकिन

अब नहीं
अब मेरा कोई
सवाल नहीं
सारे सवालों के
तुम्हारे सबके सब जवाब
जानता हूँ मैं
बस तुम तैयार रहो
आज से
तुम्हारे हर जवाब को
कहता हूँ मैं अलविदा!
और छोड़ता हूँ
हर सवाल को
आने वाले कल के लिए
जो दे सकेगा
जवाब
कमजकम तुम्हारी तरह तो नहीं।