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स्तुति मुईनुद्दीन चिश्ती / रसलीन
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पाहन बुलाइ राजा एक छन में नवाजा,
जोगी हार कर लाजा भयो तप लीन है।
राज सुता आइ सब ओंठ ताकि लाइलब,
प्रान को बचाइ तब कीने परबीन है।
आली जिनके जनाब हिंद को दई है आब,
हिंदुलवली खिताब बिधि बानी दीन है।
दीन के नगारे बाजे जब इसलाम गाजी
आए अजमेर काजी ख्वाजा मोनदीन हैं॥15॥