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सोना सिक्का / हरि दिलगीर
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सचु चवीं थो सॼण!
नाहि बस में ॼमणु, नाहि हथ में मरणु,
पर तॾहिं बि हयातीअ जे पल पल मथां,
हुक्मु पंहिंजो हली थो सघे दाइमा,
हिन हयातीअ जो पलु-पलु आ सोनो सिक्को
चउ त तो वटि घणा से सिक्का थ्या सॼण?
पोइ छा वास्ते हीउ रुअणु ऐं रड़णु?
सोचिजे ऐ सॼण, सोचिजे ऐ सॼण!