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बीस प्रेम कविताएँ और विषाद का एक गीत / पाब्लो नेरूदा
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इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- स्त्री देह / पाब्लो नेरूदा
- प्रकाश ढाँपता है तुम्हें / पाब्लो नेरूदा
- चीड़ों का विस्तार / पाब्लो नेरूदा
- सुबह है भरपूर / पाब्लो नेरूदा
- ताकि तुम मुझे सुन सको / पाब्लो नेरूदा
- याद करता हूँ तुम्हें / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- झुकते हुए सांझों में / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- गोरी मधुकरी / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- चीड़ों के साथ मदमस्त / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- जबकि हम खो चुके हैं / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- आसमान के बाहर लगभग / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- काफ़ी है तुम्हारा सीना / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- अंकित कर चुका हूँ मैं / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- हर दिन तुम खेलती हो / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- तुम्हारा शान्त होना मुझे अच्छा लगता है / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- मेरे आकाश में सांझ के उजाले पर / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- सोचते, उलझे साये / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- प्रेम करता हूँ तुम्हें / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- कपिला-सी भूरी लड़की / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा
- आज की रात लिख सकता हूँ / पाब्लो नेरूदा
- विषाद का एक गीत / पाब्लो नेरूदा / मधु शर्मा