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निर्मलेन्दु गुन
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निर्मलेन्दु गुन
जन्म | 21 जून 1945 |
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उपनाम | নির্মলেন্দু গুণ |
जन्म स्थान | ग्राम कसबन, बरहट्टा उपज़िला, नेत्रोकोना ज़िला, बांग्लादेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
प्रेमांशु रक्ता चाई (1970), ना प्रेमिका, ना बिप्लबी (1972), कैतरोरा भालोबासा (1975) आदि कुल 35 कविता संग्रह। | |
विविध | |
निर्मलेन्दु प्रकाश गुन चौधरी कवि और चित्रकार हैं। कविता के अलावा, उन्होंने गद्य और यात्रा वृत्तान्त भी लिखे हैं। उन्होने मुख्यत: नारीवाद और वर्ग संघर्ष तथा तानाशाही के विरोध को लेकर कविताएँ लिखी हैं। इनका पहला कविता संग्रह ’प्रेमांशु रक्ता चाई’ का प्रकाशन 1970 में हुआ और प्रकाशित होते ही पूरे बांग्ला लोक में लोकप्रिय हो गया। ऐतिहासिक सन्दर्भ में लिखी गई उनकी कविता ’हुलिया’ को व्यापक लोकप्रियता मिली बाद में तनवीर मोकमेल ने इस कविता पर एक प्रायोगिक फ़िल्म भी बनाई। उनकी जो कविताएँ बांग्लादेश में माध्यमिक स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में शामिल हैं, वे हैं — ’स्वतन्त्रता’ और ’शब्द हमारा कैसा है’। उन्हें बंगला साहित्य अकादमी (1982) पुरस्कार, एकुशे पदक (2001) और साहित्य स्वाधीनता पुरस्कार (2016) मिल चुके हैं। | |
जीवन परिचय | |
निर्मलेन्दु गुन / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- फूलदान / निर्मलेन्दु गुन / सुलोचना वर्मा
- युद्ध / निर्मलेन्दु गुन / सुलोचना वर्मा
- आग्नेयास्त्र / निर्मलेन्दु गुन / सुलोचना वर्मा
- तुलनामुलक हाथ / निर्मलेन्दु गुन / सुलोचना वर्मा
- इसी बार प्रथम आए तुम / निर्मलेन्दु गुन / सुलोचना वर्मा
- तुम्हारी आँखें इतनी लाल क्यों हैं ? / निर्मलेन्दु गुन / प्रशान्त विप्लवी