भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शब्द-5 / केशव शरण

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शब्द
कभी चोट कर जाते हैं
और कभी चोट पर
मरहम भी लगाते हैं

यह वक़्त-वक़्त की बात है
यह शब्द-शब्द की बात है