न दैन्यं न पलायनम्
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रचनाकार | विजय वाते |
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प्रकाशक | मेधा बुक्स |
वर्ष | २००4 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 88 |
ISBN | 81-8166-074-9 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- ख़ास ज़ुबानी कहता है / विजय वाते
- सपने जैसा लगता है / विजय वाते
- यहाँ क्या कद रहा होता / विजय वाते
- बर्फ के पर्वत पिघलते जाएँगे / विजय वाते
- सब के कुछ समझौते है / विजय वाते
- तुम्हे ज्ञात है / विजय वाते
- आसमानों में छिपा था शायद / विजय वाते
- आईना ही नहीं / विजय वाते
- एक पल एक लम्हा न खोएँगे हम / विजय वाते
- लम्हों की / विजय वाते
- नतीजा नहीं है / विजय वाते
- मतलब ही जुदा हो जाएगा / विजय वाते