फ़रहत शहज़ाद
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- एक बस तू ही नहीं मुझ से ख़फ़ा हो बैठा / फ़रहत शहज़ाद
- अगर बदन एक मकान है / फ़रहत शहज़ाद
- खा कर ज़ख़्म दुआ दि हम ने / फ़रहत शहज़ाद
- ख़ुली जो आँख तो वो था न वो ज़माना था / फ़रहत शहज़ाद
- ख़्वाबों में तेरे गर मेरी ख़्वाहिश नहीं होगी / फ़रहत शहज़ाद
- क्या ख़बर थी के मैं इस दर्जा बदल जाऊँगा / फ़रहत शहज़ाद
- बहुत बुरा है मगर फिर भी तुमसे अच्छा है / फ़रहत शहज़ाद
- मुझे ख़बर थी वो मेरा नहीं पराया था / फ़रहत शहज़ाद
- नया इक ज़ख़्म खाना चाहता हूँ / फ़रहत शहज़ाद
- बस वही एहतराम तक पहुँचा / फ़रहत शहज़ाद
- हिज्र को मौत तेरे वस्ल को जीना जाना / फ़रहत शहज़ाद
- तुम्हारे साथ भी तन्हा हँ तुम न समझोगे / फ़रहत शहज़ाद
- जब घटा कोई टूट कर बरसे / फ़रहत शहज़ाद
- और काँटों को लहू किसने पिलाया होगा / फ़रहत शहज़ाद
- हरचंद के अब तुमसे मुलाक़ात न होगी / फ़रहत शहज़ाद
- प्यार करने की ये इस दिल को सज़ा दी जाए / फ़रहत शहज़ाद
- ख़ुद से भी दूर निकल आया अब और कहाँ तक जाऊँ मैं / फ़रहत शहज़ाद
- हमसे तन्हाई के मारे नहीं देखे जाते / फ़रहत शहज़ाद
- हरचंद के अब तुमसे मुलाक़ात न होगी / फ़रहत शहज़ाद
- प्यार करने की ये इस दिल को सज़ा दी जाए / फ़रहत शहज़ाद
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