रसिक बिहारी
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जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
इनका असली नाम 'बनी ठनी जी' था और ये नागरीदास की दासी और शिष्या थीं | |
जीवन परिचय | |
रसिक बिहारी / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- गहगह साज समाज-जुत, अति सोभा उफनात / रसिक बिहारी
- कुंज पधारो रंग-भरी रैन / रसिक बिहारी
- होरी होरी कहि बोलै सब ब्रज की नारि / रसिक बिहारी
- धीरे झूलो री राधा प्यारी जी / रसिक बिहारी
- कैसे जल लाऊँ मैं पनघट जाऊँ / रसिक बिहारी
- मैं अपनो मन-भावन लीनौं / रसिक बिहारी
- रतनारी हो थारी आंखड़ियाँ / रसिक बिहारी
- हो झालो दे छे रसिया नागर पनां / रसिक बिहारी
- ये बांसुरियावारे ऐसो जिन बतराय रे / रसिक बिहारी