मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'
जन्म | 01 अगस्त 1936 |
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निधन | 19 सितम्बर 2012 |
उपनाम | रज़्मी |
जन्म स्थान | कैराना, शामली, मुज़फ्फ़रनगर, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
लम्हों की ख़ता (2004) | |
विविध | |
'लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई' शेर के लिए विख्यात | |
जीवन परिचय | |
मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी' / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- अभी ख़ामोश हैं शोलों का अंदाज़ा / मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'
- फ़राज़-ए-दार पे इक दिन सजा के / मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'
- हूजूम-ए-ग़म में किस ज़िंदा-दिली से / मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'
- इस राज़ को क्या जानें साहिल के / मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'
- ख़ुद पुकारेगी जो मंज़िल तो ठहर / मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'
- कोई सौग़ात-ए-वफ़ा दे के चला जाऊँगा / मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'
- मसअले भी मेरे हम-राह चले आते हैं / मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'
- मुक़ाबले तो ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ाते हैं / मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'
- ना-कामी-ए-क़िस्मत का गिला छोड़ / मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'
- शाम-ए-ग़म है तेरी यादों को सजा / मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'
- याद ये किस की आ गई ज़ेहन का / मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी'