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गीतावली उत्तरकाण्ड पद 11 से 20 तक/पृष्ठ 1
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राग ललित
आज रघुपति-मुख देखत लागत सुख
सेवक सुरुष, सोभा सरद-ससि सिहाई |
दसन-बसन लाल, बिसद हास रसाल
मानो हिमकर-कर राखे राजीव मनाई ||
अरुन नैन बिसाल, ललित भ्रुकुटि, भाल
तिलक, चारु कपोल, चिबुक-नासा सुहाई |
बिथुरे कुटिल कच, मानहु मधु लालच अलि,
नलिन-जुगल उपर रहे लोभाई ||
स्रवन सुन्दर, सम कुण्डल कल जुगम,
तुलसिदास अनूप, उपमा कही न जाई |
मानो मरकत सीप सुन्दर ससि समीप
कनक मकरजुत बिधि बिरची बनाई ||