भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गीतावली सुन्दरकाण्ड पद 31 से 40 तक/पृष्ठ 1
Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:43, 9 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसीदास |संग्रह= गीतावली/ तुलसीदास }} {{KKCatKavita}} [[Category…)
(31)
आइ सचिव बिभीषनके कही |
कृपासिन्धु !दसकन्धबन्धु लघु चरन-सरन आयो सही ||
बिषम बिषाद-बारिनिधि बूड़त थाह कपीस-कथा लही |
गये दुख-दोष देखि पदपङ्कज, अब न साध एकौ रही ||
सिथिल-सनेह सराहत नख-सिख नीक निकाई निरबही |
तुलसी मुदित दूत भयो, मानहु अमिय-लाहु माँगत मही ||