भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दूर कहीं अकुशी है चिल्हकती / ठाकुरप्रसाद सिंह

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:47, 21 सितम्बर 2007 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दूर कहीं अकुशी है चिल्हकती


गहरे पथरौटे के कूप-सी

प्रीत मोरी मैं ऊभचूमती

हाय दैया निरदैया आस रे

डोरी-सी रह-रह कर ढीलती

दूर कहीं अकुशी है चिल्हकती


अकुशी : एक चिड़िया, जो वियोग की सूचक है