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अंजुमन / रेशमा हिंगोरानी
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सफ़-ब-सफ़,
चाँद से मुझ तक
सभी तारे थे खड़े…
उसी रस्ते से उतरते हुए देखा था उसे,
दिल में इक राह
बनाता
चला गया था मेरे…
चाँद सचमुच ही
अंजुमन में उतर आया था!
26.07.93