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इंद्र निज हेरत फिरत गज इंद्र अरु /भूषण

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इंद्र निज हेरत फिरत गज इंद्र अरु

इंद्र को अनुज हेरै दुगध नदीश कौं .

भूषण भनत सुर सरिता कौं हंस हेरै,

विधि हेरै हंस को चकोर रजनीश कौं .

साहि तनै सिवराज करनी करी है तैं,

जु होत है अच्मभो देव कोटियो तैंतीस को .

पावत न हेरे जस तेरे में हिराने निज,

गिरि कों गिरीस हेरैं गिरजा गिरीस को .