भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मतवाली नार ठुमक-ठुमक चली जाए / शैलेन्द्र
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:09, 28 अक्टूबर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= शैलेन्द्र |संग्रह=फ़िल्मों के लि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
मतवाली नार ठुमक ठुमक चली जाये
इन कदमों पे किस का जिया ना झुक जाये
मतवाली नार ...
फूल बदन मुखड़ा यूँ दमके
बादल में ज्यों बिजली चमके
गीत सुना के तू छम छम के
ललचाये, छुप जाये, आय हाय
मतवाली नार ...
ये चंचल कजरारी आँखें
ये चितचोर शिकारी आँखें
गैइ दिल चीर कटारी अँखें
मुस्काये, शामाये, झुक जाये
मतवाली नार ...