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मनमोहना बडे़ झूठे / शैलेन्द्र
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मनमोहना बड़े झूठे
हार के हार नहीं माने
मनमोहना ...
बने थे खिलाड़ी पिया
निकले अनाड़ी पिया
मोसे बेइमानी करे
मुझसे ही रूठे
मनमोहना ...
तुम्हरी ये बाँसी कान्हा
बनी गला फाँसी
तान सुनाके मेरा
तन मन लूटे
मनमोहना ...