भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लाली लाली डोलिया में लाली रे दुल्हनिया / शैलेन्द्र

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:42, 2 नवम्बर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= शैलेन्द्र |संग्रह=फ़िल्मों के लि...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लाली लाली डोलिया में लाली रे दुल्हनिया
पिया की पियारी भोली भाली रे दुल्हनिया

लाली लाली डोलिया में लाली रे दुल्हनिया
मीठे बैन तीखे नैनों वाली रे दुल्हनिया

लौटेगी जो गोदी भर हमें ना भुलाना
लड्डू पेढ़े लाना अपने हाथों से खिलाना
तेरी सब रातें हों दीवाली रे दुल्हनिया

दूल्हे राजा रखना जतन से दुल्हन को
कभी न दुखाना तू गोरिया के मन को
नाज़ुक है नाज़ों की है पाली रे दुल्हनिया