भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पहचान / भानुमती नागदान
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:08, 7 दिसम्बर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भानुमती नागदान |संग्रह= }} [[Category:कवि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
सोने की परख
कसौटी पर घीस कर
तेज़ाब लगाकर होती है
मनुष्य की परख
धर्म की कसौटी
न्याय की कसौटी
इमान की कसौटी
प्रेम की कसौटी
और अन्य कसौटी पर परखा
तेज़ाब भी लगाया
फिर भी पहचान ना हो सकी
ब्रह्मा जी भी हार गये ।