भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरा दिल अब आज़माया जाएगा / शमशेर बहादुर सिंह

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:53, 20 जनवरी 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शमशेर बहादुर सिंह }} Category:गज़ल <poeM> ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरा दिल अब आज़माया जाएगा
मुफ़्त इक महशर उठाया जाएगा

जाने-जाँ यह ज़िन्दगी होगी न जब
ज़िन्दगी से तेरा साया जाएगा

आज मैं शायद तुम्हारे पास हूँ
और किसके पास आया जाएगा

कौन मरहम दिल पे रक्खेगा भला
ज़ख़्मे - दिल किसको दिखाया जाएगा

मेरे सीने से लिपट कर सो रहो
आरज़़ूओं को सुलाया जाएगा