भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

यह दुःख / विमलेश त्रिपाठी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:21, 30 जून 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विमलेश त्रिपाठी |संग्रह=हम बचे रह...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

यह दुःख ही ले जायेगा
खुशियों के मुहाने तक
वही बचायेगा हर फरेब से
होठों पे हँसी आने तक