भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
रे मन कृष्ण नाम कहि लीजै / सूरदास
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:03, 15 सितम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सूरदास }} {{KKCatPad}} <poem> रे मन कृष्ण नाम क...' के साथ नया पन्ना बनाया)
रे मन कृष्ण नाम कहि लीजै
गुरु के बचन अटल करि मानहिं, साधु समागम कीजै
पढिए गुनिए भगति भागवत, और कथा कहि लीजै
कृष्ण नाम बिनु जनम बादिही, बिरथा काहे जीजै
कृष्ण नाम रस बह्यो जात है, तृषावंत है पीजै
सूरदास हरिसरन ताकिए, जन्म सफल करी लीजै