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सोहर / भोजपुरी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
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- अंगना में कुइयाँ खोनाइले, पीयर माटी नू ए
- बबुआ बइठले नहाए त सासु निरेखेली ए
- जेठ बइसखवा के पुरइन लहर-लहर करे
- सोने के खरउआ राजा रामचन्द्र खुटुर-खुटुर चले नु ए
- जुग जुग जियसु ललनवा
- मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ आवरो से चन्दन हो
- मिली जुली गावे के बधैया, बधैया गाव सोहर हो
- छापक पेड़ छिउलिया,त पतवन धन बन हो
- मचिया ही बईठल कौशिल्या रानी