Last modified on 1 अक्टूबर 2013, at 14:01

देवी गीत 4 / रामरक्षा मिश्र विमल

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:01, 1 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामरक्षा मिश्र 'विमल' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ए देवी मइया बढ़ावऽ चरनवा.
 
ताकींले सगरी डगरिया चिहुँकि के
देखीं ना तोहके त रोईं डहकि के
भरि आवे अँखियन में भादो सवनवा.
 
अइबू त सधिया ना फूला समाई
खुशी के नया जोति अँखियन में आई
बहि जाई जिनिगी में सुख के पवनवा.
 
तोहरे चरनिया के आसा में सर बा
नेहिया के अमिरित पियासल अधर बा
गमकइहऽ एक दिन विमल के अङनवा.