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प्रीत-2 / विनोद स्वामी

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बीजती बरियां बीज
बांसियै में बड़
तेरी चूडि़यां री नकल उतारतो
अर करतो कसूती मजाक।
ओ ई बीज
आयोड़ी हाड़ी में
घेघरियां रा घुघरिया बांध
तेरी पायल ज्यूं चिमकांवतो।
वायर जाणती
मेरै हिवड़ै री बात
जद ही तो
डाळी रै मिस हलांवती
तूं मेरै कानी हाथ।