भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आस: च्यार / शिवराज भारतीय
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:37, 18 अक्टूबर 2013 का अवतरण
आस
भलैई करै
लगोलग निरास
जीवण
भलैई भोगे
मोकळो त्रास
पण
उणरै मोटै घर री
कद छुटै
आस
अर मिनख करै
आस रै ताण
लगोलग प्रयास।