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टिकुलिया तरके बिंदिया हजार जीउआ मारे राम / महेन्द्र मिश्र
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टिकुलिया तरके बिंदिया हजार जीउआ मारे राम।
सास देहली टिकुली ननद देहली बेन्दुली राम,
सुरती चुनरिया हम नइहरा झमकइबों राम।
प्रेम खजाना धई सिरहाना भगती के सेजिया डँसइबो राम।
गगन गुफा में अनहद बाजा ताही बीचे सुरती रमइबों राम।
कहत महेन्द्र ओही धरे जाना जहवाँ से बहुरि नाहीं अइबों राम।