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प्यास और सावन / उमा अर्पिता
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सावन का
सौंधा अहसास
मेरे कमरे में
भर उठा है
सिर्फ तुम्हारे लिए
मेरे दोस्त,
और तुम हो, कि
अब भी
होंठों पर
प्यास की
कहानी
लिख रहे हो।