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साधो, ऐसिइ आयु सिरानी / ललित किशोरी

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साधो, ऐसिइ आयु सिरानी ।
लगत न लाज लजावत संतन, करतहिं दंभ छदंभ बिहानी॥१॥

माला हाथ ललित तुलसी गर, अँग-अँग भगवत छाप सुहानी।
बाहिर परम बिराग भजनरत, अंतस मति पर-जुबति नसानी॥२॥

सुखसों ग्यान-ध्यान बरनत बहु, कानन रति नित बिषय कहानी।
ललितकिसोरी कृपा करौ हरि, हरि संताप सुहृद, सुखदानी॥३॥