Last modified on 2 अगस्त 2008, at 13:44

कविता निजी मामला नहीं है / कुमार विकल

सम्यक (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:44, 2 अगस्त 2008 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कविता आदमी का
निजी मामला नहीं है
एक दूसरे तक पहुंचने का पुल है

अब वही आदमी पुल बनाएगा
जो पुल पर चलते आदमी की
सुरक्षा कर सकेगा.