Last modified on 9 जून 2014, at 22:51

स्तुति-निन्दा, सुख-दुःख / हनुमानप्रसाद पोद्दार

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:51, 9 जून 2014 का अवतरण ('{{KKRachna |रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

(राग देस)
 
स्तुति-निन्दा, सुख-दुःख सब, मान और अपमान।
इनमें जो नित सम रहे, सो ज्ञानी मतिमान॥