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बड़ रे जतनसँ सिया धिया पोसलहुँ / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बड़ रे जतनसँ सिया धिया पोसलहुँ
सेहो रघुवंशी नेने जाय
आगू-आगू रघुबर, पाछू-पाछू डोलिया
ताहि पाछु लक्षुमन भाय
कथी केर डोलिया, केहन ओहरिया
कि लागि गेल बतिसो कहार
चनन केर डोलिया, सबुज ओहरिया
कि लागि गेल बतिसो कहार
लऽ दऽ निकसल विजुबन कहरिया
जाहि वन ने अपन परार
केओ जे कानय राजमहल मे
केओ कानय दरबार
केओ जे कानय मिथिला नगर मे
जोड़ीसँ बिजोड़ी केने जाय
आजु धिया कोना माय बिनु रहती
छने-छने उठती चेहाय