भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सुणो सभी नर नार म्हारी बीएसपी की सरकार / सतबीर पाई

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:08, 2 सितम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सतबीर पाई |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatHaryan...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सुणो सभी नर नार म्हारी बी.एस.पी. की सरकार
जरूर आवैगी...टेक

होकै निडर बणाओ लीडर ना ज्यादा लागै टेम देखे
ईर्ष्या और द्वेष छोड़ आपस मैं राखो प्रेम देखे
जल्दी होल्यो त्यार, न आवै मौका बारंबार
ना समो हिथावैगी...

प्रधानमंत्री भारत के मान्यवर कांशीराम बणैं
नहीं कोई भी रोक शोक तै तुम लोगों के काम बणैं
होगा फेर सुधार मिलेगा हम सबने रोजगार
भला तेरा चाह्वैगी...

मान्य कांशीराम के बाद फेर हो हरियाणा की बारी
आनन्द छावै खुशी मनावै मिलकै जनता सारी
छोड़ सभी तकरार लगाद्यो इबकै नैया पार
खुशी सब छावैगी...

बणकै हिम्मती वोट कीमती जीत हाथ मैं तेरे
पाई वाले सतबीर कहै सब गीत हाथ मैं तेरे
मैं गाऊं गीत हजार, करूं बी.एस.पी. का प्रचार
जो हक दिलावैगी...