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न्यूँ पछताया कर ना पाया / सतबीर पाई
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न्यू पछताया कर ना पाया जो कहगे बाबा साहब तनै
अपणे हाथां आप खामखां जिंदगी करी खराब तनै...टेक
गैर के पिच्छे पड़कै निच्चै सारी उमर बिताई
रहा दूर बण्या मजबूर हो लिया गलीत दूसरी राही
न्यू तकलीफ उठाई पढ़ ली गलत किताब तनै...
सही कही बातों पै कुछ तो अमल कमाणा चाहिए
हाथ उठाकै बता दिया जो तनै ठिकाणा चाहिए
ना घबराणा चाहिए पक्का देणा पड़े जवाब तनै...
न्यूए चलता रह्या रात दिन कोन्या सोच विचार किया
महामानव की बातों ऊपर नरा पूरा एतबार किया
जिसनै तेरा सुधार किया ना उसका आया ख्वाब तनै...
पाई वाले सतबीर सिंह उनै सही इशारा किया अक ना
करकै ओट डाल वोट अधिकार तुम्हारा कर्या अक ना
इब भी पेट्टा भर्या अक ना फेर कौण सी रहगी दाब तनै...