भीम भारत रत्न कर्या ऐसा जतन उनै कर दिया बहोत एहसान
तेरे कुछ ना असर ना छोड़ी कसर करी जान तलक कुर्बान...टेक
सारी जिंदगी उसनै तेरी खातर लड़ी लड़ाई
ना तो तेरे पैरा मैं थी बेड़ी पड़ी पड़ाई
या अड़ाई उनै तुड़वाई उनै लिख भारत का संविधान...
जो भीम राव ना होते तेरी कटती नहीं बीमारी
एस.डी.एम. जी.एम. अफसर ना होते सरकारी
कर्मचारी बणे अधिकारी बणे ना तै होते बहोत बिरान...
जाति और पाति की या प्रथा थी खोटी
बुखार भी देख्या जा था तेरा लाकै लाठी सोटी
ना या छोटी थी बात बड़ी मोटी थी बात था कोड़ कलेश महान...
अधिकार नहीं था तेरा धोरै उठण बैठण का
दंड भुगतणा पड़ता दरखत निच्चे बैठण का
दिक्कत मेटण का काम कर्या सार्या तमाम पाई सतबीर स्थान...