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हाम बाट देख कै हारे / दयाचंद मायना

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हाम बाट देख कै हारे, कित स्यान छुपाली
आजा भारत के शेर बाबू बोस बंगाली...टेक

हाम किस तरिया दिल डाटैं, कुछ तै सबर दिया होता
दरिया, झाल, समन्दर म्हं, कित मारगे गोता
तनै फिरै जमाना टोहता, रो-रो आँख सुजाली...

जाट, हीर, गुज्जर, ब्राह्मण, रजपूत नरेश का
हरिजन, सिक्ख संग झगड़ा, रहै हमेश का
तेरे बिना इस देश का सै मोर्चा खाली...
भारत के बच्चे, बीर, मर्द, सब करते याद तनै
आजादी के लिए सहे, मोटे दुख बाहध तनै
हिन्द करा दिया आजाद तनै, खुद जान खो डाली...

‘दयाचंद’ रोवै सै उन तारिख दिनां नै
तुम भारत मैं फेर ले आओ आजाद सेना नै
उस मुस्लिम लीग जिन्हा नै, आधी सीम बँटा ली...