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पीला हरा सफेद तिरंगा / दयाचंद मायना

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पीला हरा सफेद तिरंगा, बहार गजब की ल्यार्हा माँ
जय हिन्द-जय हिन्द, म्हारे घेर में इसा बटेऊ आर्हा माँ...टेक

मैं कहती ना बात बोर की, इसमैं के सै सलाह और की
हलवा, पूरी, खीर जोर की, नर्म बणा दे चारा माँ
कमरे आला खोल रेडियो, गादे नौ दो ग्यारा माँ...

के लगी सूत सा टेरण, लागरी मेरी बातां नै फेरण
मनै सुण्या सै काला हेरण, हाथ कूदता बारा माँ
आज चिंकारे की ढाल मेरा दिल, डाँक बणावै अठारा माँ...

भगती पाठ तपस्या करकै, यो दिन देख्या सै दुख भरकै
खेत बड़ा सै मेरे ससुर कै, ढूंगा-ढूंगा क्यारा माँ
रोटी लकै जा हाली की, चरले बैल जवारा माँ...

गुरु मुंशी का ध्यान धरै सै, फेर पाछे जलपान करै सै
मायने में गुजरान करै सै, ‘दयाचन्द’ गरीब बेचारा माँ
उसे ए गीत बणाकै गादे, जिसी दुनिया की धारा माँ...