Last modified on 23 जनवरी 2015, at 22:10

या ब्रज मे कछु देखो री टोना / बुन्देली

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:10, 23 जनवरी 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=बुन्देल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

या ब्रज में कछु देखो री टोना।
ले मटकी सिर चली गुजरिया
आगे मिले नन्द जी को छोना। या ब्रज...
दधि को नाम बिसर गयो प्यारे
ले-ले रे कोई श्याम सलोना। या ब्रज...
वृन्दावन की कुंज गलिन में,
आँख लगाय गयो मन मोहना। या ब्रज...
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
सुन्दर श्याम सुंदर है सलोना। या ब्रज...