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अटरिया छाय रही लौंगन में / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
अटरिया छाय रही लौंगन में
सेजरिया महक रही फुलवन में।
लौंगन छायी कछु लायचन छायी
जायफल की है अधिकाई।
सबरेई देवी देवता आये मिसल सें
सो गनेस देव काये नई आये।
अटरिया छाय रही...
सबरेई देवी देवता आये मिसल सें
सो भोले बाबा काये नई आये।