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झूलना मऽ झूलय बारा रे / पँवारी
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पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
झूलना मऽ झूलय बारा रे
हुडु...हडु
पारना पअ् डालय वाड्या लगय रमुक
गाई...बारा की गाई...गाई
बारा खऽ कहाँ ते बिलमाऊ
फूल चमेली को देऊ
हडु....हडु