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न्याहो धोयो मंगत थाड़ो भयो रे भाई / पँवारी
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पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
न्याहो धोयो मंगत थाड़ो भयो रे भाई
लग्या रे सूरज का पाय रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
सूरज देवता तुम बड़े रे भाई
तुमसे बड़ा रे न हो कोय रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
कहाँ धर्या माय कपड़ा रे भाई
कहाँ धरी सिर की पाग रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
