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तेरो मन पापी तन नौंनों / ईसुरी
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
तेरो मन पापी तन नौंनों,
एक भाँत ना दौनों।
मन, माटी के मोल, कदर कम।
तन कीमत में सोनों।
मन से रात अदेखसबई कोऊ।
तनकौ मचौ दिखौनों।
ऐसे नौने सुन्दर तन में,
मन दऔं, बिध अनहौनौं।
ईसुर नमक अकेले बिन सब।
बिनजन लगत अरौनों।