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बड़ को बीज इन्द्रासन से आवियो / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बड़ को बीज इन्द्रासन से आवियो
जई चोप्यो हो दसरथ दरबार
सहेली ऐ आंबो मोरियो
बड़ को गोड़ थरू थांबर हुई रयो
वाकी डाली हो गई असमान
सहेली ऐ आंबो मोरियो
बड़ की डाली जो डाली हीरा जड़िया
बड़ का पत्ता राज मोती रा लूम
बड़ खे देखन राम-लछमन आविया
उनका सांते हो तैतीस करोड़ देवता
बड़ खे देखन हो सीता माता आविया
उनका सांते हो राधा-रूकमारी जोड़
बड़ को बीज इन्द्रासन से आवियो
जई चोप्यो फलाणा राम दरबार
बड़ देखण आई उनका भाई-भतीजा री जोड़
बड़ देखण आई देराणी-जेठाणी री जोड़