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बागां मांय रा लिम्बूड़ा तो नई नमे / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बागां मांय रा लिम्बूड़ा तो नई नमे
नमे उनकी फलां भर डाळ
अमर बधावो समरथ बीर को
फलाणा राय तो नई नमे
नमे उनकी पागड़ली रा पेंच
जोड़ा बऊ तो नई नमें
नमें उनकी चूड़ा भरी बांव
अमर बधावो समरथ बीर को।