भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
षटरस / अंकावली / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:05, 20 मई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
कटु रहितहुँ हो सत्य मीठ, नहि तीत अतीतो
छुटय राग रस तखनहि वसन कषाय प्रतीतो
अमत अमल, लावण्य अन्तरक जखन पिरीते
तखन रसक आनन्द अन्यथा ष्ज्ञट् रस रीते